कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपने पार्टी सहयोगी संजीव बालियान को हराकर जीत हासिल की। यह चुनाव बीजेपी के भीतर राजपूत (रूडी) और जाट (बालियान) समुदायों के बीच जातिगत प्रतिद्वंद्विता के लिए सुर्खियों में रहा। रिकॉर्ड 707 वोटों के साथ इस चुनाव में भारी मतदान हुआ, जो क्लब के अन्य चुनावों की तुलना में कई गुना अधिक था। रूडी की जीत के बाद उनके समर्थकों ने 15वीं सदी के राजपूत शासक जय सांगा के नारे लगाए, जिसने इस चुनाव में जातिगत समीकरणों की अहमियत को रेखांकित किया।
यह चुनाव बीजेपी के भीतर अंतर्कलह को उजागर करने वाला भी साबित हुआ, हालांकि दोनों पक्षों ने दावा किया कि इसका पार्टी की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। संजीव बालियान को कुछ प्रमुख बीजेपी नेताओं, जैसे निशिकांत दुबे का समर्थन प्राप्त था, जिन्होंने क्लब को बिचौलियों और नौकरशाहों का अड्डा बताकर बदलाव की बात कही। दूसरी ओर, रूडी को विपक्षी दलों का समर्थन मिला, जिन्होंने उनके पैनल में शामिल होकर उनकी जीत सुनिश्चित की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसे दिग्गजों की मौजूदगी ने इस क्लब चुनाव के महत्व को दर्शाया।
6 बार के सांसद रूडी
राजीव प्रताप रूडी बिहार से छह बार के सांसद और राजपूत समुदाय से हैं। उन्होंने 25 साल की सत्ता विरोधी लहर को हराकर यह जीत हासिल की। दूसरी ओर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले जाट नेता संजीव बालियान ने जाट समुदाय और कुछ बीजेपी नेताओं के समर्थन पर भरोसा किया। चुनाव से पहले दोनों पक्षों ने डिनर डिप्लोमेसी और डोर-टू-डोर प्रचार के जरिए समर्थन जुटाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों राजपूत समुदाय से, इस चुनाव पर नजर रखे हुए थे। रूडी की जीत ने विपक्ष के समर्थन और उनके अनुभव को निर्णायक साबित किया।
8 दशक पुराना संविधान क्लब
लगभग आठ दशक पुराना संविधान क्लब सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए एक विशेष क्लब है, जहां सदस्यता के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता है। क्लब में कॉन्फ्रेंस रूम, ट्रांजिट आवास, जिम, स्पा, रेस्तरां और आउटडोर कैफे जैसी सुविधाएं हैं, जिनमें से अधिकांश रूडी के नेतृत्व में विकसित हुई हैं। यह चुनाव क्लब के इतिहास में केवल चौथा प्रतिस्पर्धी चुनाव था, जिसमें रूडी ने दो दशक पहले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को हराकर पद हासिल किया था।





