अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को विदेशी छात्रों और पत्रकारों के लिए वीजा नियमों को सख्त करने का प्रस्ताव रखा है। गृह सुरक्षा विभाग (DHS) के अनुसार, इस नए नियम के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों (F वीजा) और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भाग लेने वालों (J वीजा) के लिए अमेरिका में रहने की अवधि चार साल तक सीमित होगी। वहीं, विदेशी पत्रकारों (I वीजा) के लिए वीजा की वैधता केवल 240 दिनों की होगी, हालांकि वे इसे अतिरिक्त 240 दिनों के लिए बढ़ा सकते हैं। चीनी पत्रकारों के लिए यह अवधि सिर्फ 90 दिन होगी। DHS का कहना है कि यह कदम अमेरिकी उदारता का दुरुपयोग रोकने और नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
भारत के लिए यह नियम खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2024 में अमेरिका में पढ़ने वाले 4,22,335 भारतीय छात्र थे जो विदेशी छात्रों की सूची में शीर्ष पर हैं। अधिकांश स्नातक और मास्टर्स डिग्री वाले भारतीय छात्रों के लिए चार साल की वीजा अवधि उनकी पढ़ाई के समय के अनुरूप हो सकती है। हालांकि, शोध, थीसिस या अतिरिक्त कोर्सवर्क के लिए अधिक समय चाहिए तो उन्हें वीजा विस्तार के लिए आवेदन करना होगा, जिससे वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।
पीएचडी छात्रों पर सबसे ज्यादा असर
खासकर भारतीय पीएचडी छात्रों पर इस नियम का सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है, क्योंकि उनकी पढ़ाई चार से छह साल या उससे भी अधिक समय तक चल सकती है। कुछ मामलों में अंशकालिक पीएचडी छात्रों को आठ साल से ज्यादा समय लग सकता है। वीजा अवधि सीमित होने से इन छात्रों को बार-बार विस्तार के लिए आवेदन करना पड़ सकता है, जिससे उनकी पढ़ाई और करियर योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
240 दिनों की सीमित वीजा वैधता
पत्रकारों के लिए भी यह नियम चुनौतियां ला सकता है। 240 दिनों की सीमित वीजा वैधता भारतीय पत्रकारों के काम को प्रभावित कर सकती है, हालांकि विस्तार का विकल्प कुछ राहत देता है। 2024 में अमेरिका में 16 लाख F वीजा धारक छात्र, 3,55,000 J वीजा धारक और 13,000 पत्रकार थे। यह प्रस्तावित नियम, यदि लागू हुआ, तो भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए अमेरिका में रहने और काम करने की प्रक्रिया को और जटिल कर सकता है।





