नए साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने अहम फैसला लिया है। 1 जनवरी से 5 जनवरी तक मां बगलामुखी मंदिर में VIP दर्शन पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान मंदिर आने वाले सभी भक्तों को सामान्य लाइन में लगकर ही दर्शन करने होंगे।
मंदिर प्रबंधन का कहना है कि नए साल और स्कूलों की छुट्टियों के कारण हर साल पीतांबरा पीठ में भक्तों की संख्या अचानक बहुत बढ़ जाती है। इस बार भी अनुमान है कि रोजाना 50 हजार से लेकर 1 लाख तक श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकते हैं। इतनी बड़ी भीड़ को संभालने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए VIP दर्शन बंद करने का फैसला किया गया है।
VIP दर्शन क्यों किए गए बंद
तहसीलदार और मंदिर समिति के पदेन सचिव प्रियंक श्रीवास्तव ने बताया कि VIP दर्शन की वजह से आम भक्तों को ज्यादा देर तक इंतजार करना पड़ता है। इससे कई बार अव्यवस्था भी हो जाती है। इसलिए तय किया गया है कि तय तारीख तक कोई भी VIP पास मान्य नहीं होगा और सभी को एक ही कतार से दर्शन कराए जाएंगे। इससे दर्शन व्यवस्था ज्यादा आसान और साफ-सुथरी बनी रहेगी।
सामान्य कतार में भी जल्दी होंगे दर्शन
मंदिर प्रशासन ने यह भी बताया कि VIP दर्शन बंद होने के बावजूद भक्तों को ज्यादा परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। सामान्य कतार में भी 15 से 20 मिनट के भीतर दर्शन कराने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त बैरिकेडिंग लगाई गई है, ज्यादा स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है और आने-जाने के रास्तों को अलग-अलग किया गया है।
सुरक्षा और पार्किंग पर खास ध्यान
नए साल की भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। यातायात और पार्किंग की व्यवस्था को भी बेहतर किया गया है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अपने वाहन केवल तय पार्किंग स्थानों पर ही खड़े करें, ताकि रास्तों में जाम न लगे।
पीतांबरा पीठ का धार्मिक महत्व
दतिया का पीतांबरा पीठ देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां मां बगलामुखी और मां धूमावती विराजमान हैं। यह स्थान तंत्र और शक्ति उपासना के लिए खास माना जाता है। सालभर यहां देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते रहते हैं।
मां बगलामुखी कौन हैं
मां बगलामुखी को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे स्तंभन शक्ति की देवी हैं। भक्त मां बगलामुखी की पूजा अपने जीवन की परेशानियों को दूर करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और मन को मजबूत करने के लिए करते हैं।
मां धूमावती का महत्व
पीतांबरा पीठ में विराजित मां धूमावती को दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या कहा जाता है। मान्यता है कि वे त्याग, धैर्य और जीवन की कठिन परिस्थितियों का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से मन को स्थिरता और अंदरूनी शक्ति मिलती है।
यह खबर मंदिर प्रशासन और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध धार्मिक जानकारियों पर आधारित है। धार्मिक मान्यताएं व्यक्ति-विशेष की आस्था पर निर्भर करती हैं। MP Breaking News किसी धार्मिक विश्वास या मान्यता के सत्य होने का दावा नहीं करता।





